हेलो गाइस आज के इस अमेजिंग ब्लॉक में हम जाने वाले हैं फुल Case Study of without company :
तो आज हम जानने वाले हैं फुल Case Study of without company के बारे में पूरी इनफार्मेशन इस ब्लॉक में।
विदाउट कंपनी एक ऐसी कंपनी है जिसके जरिए प्लास्टिक बराबर यानी की प्लास्टिक पैकेट जिसको हम रीसायकल नहीं कर सकते उसे वह रिसाइकल करके उसे वह क्लासेस यानी किस ग्लासेस बना दे है
अगर देखा जाए तो प्लास्टिक का विघटन करने में करीबन 500 से 1000 साल लग जाता है पर यह कंपनी ने एक ऐसा इन्वेंशन किया है जिसके जरिए आप डेली के 5 kg प्लास्टिक को विघटन करके उसे आप रीसायकल कर सकते हैं
यह इकलौती कंपनी है जिसने ऐसा आविष्कार किया है पूरे वर्ल्ड में तो चलो जानते हैं क्या है पूरा प्रोसेस और कौन है इनका मालिक।
विदाउट काउंटिंग का फाउंडर का नाम है अनीश किशोर मालपानी चौकी 8 साल तक इंडिया में रहे हैं और उसके बाद उसके पापा की जॉब लगी उसके बाद वह दुबई ही उसने पढ़ाई कंप्लीट की और उसके बाद वह न्यूयॉर्क में अच्छी खासी जब भी कर रहे थे पर उन्होंने सोचा कि मेरे को कुछ ऐसा इन्वेंशन करना है जिसके जरिए में लोगों की परेशानी का हल कर सकूं।
इसलिए वह 2016 में इंडिया वापस आ गए और 3 साल तक रिसर्च करने के बाद एक डॉक्टर यानी कि साइंटिस्ट से मिलकर ऐसा आविष्कार किया कि हम प्लास्टिक को विघटन कैसे कर सकते हैं
फिर उन्होंने यह प्लास्टिक विघटन के बाद उसे सनग्लासेस बना है वह उसकी क्वालिटी भी बेस्ट है और बिल क्वालिटी भी बेस्ट है अभी यह बिजनेस स्टार्टिंग पोजीशन में है।
उन्होंने खुद ने इसमें 1.8 कर जितने पैसे अपनी जेब से लगाकर यह कंपनी की स्टार्टिंग की है और यह वैसे देखा जाए तो एक बेस्ट कंपनी है क्योंकि प्लास्टिक से होने वाली परेशानियां से कोई छुटकारा पाना चाहता है इसलिए यह विदाउट कंपनी ने बेखुदी काम किया है
हरिया कंपनी का गोल है कि वह 2030 तक दिल्ली के 1 तन से लेकर कर सके और दिन प्रतिदिन जो प्लास्टिक का उपयोग होता हो रहा है वह कम से कम हो यह गोल इस कंपनी का है
इस कंपनी में शर्क टैंक के शार्क पीयूष ने पैसे लगाए हैं जो है 75 लाख का 3% इक्विटी मांगा था तो वह डील फाइनल हो गई है
स्टार्टिंग में उन्होंने एक छोटी सी गोदाम से ही चालू किया था जिसमें उन्होंने दो चेयर दो डेस्क और वह दो लोग इसी तरह छोटे गोदाम में चालू किया गया यह आविष्कार आज बहुत ही प्रसिद्ध है अभी तो वह शार्क टैंक्स इंडिया में की फीचर हुआ है और फंडिंग भी मिले हैं अगर आप यह वीडियो देखना चाहते हो Case Study of without company तो नीचे क्लिक करें
अनीश किशोर मालपानी ने सोचा किया प्लास्टिक को विघटन करने के बाद में क्या बनाऊं यानी कि क्या प्रोडक्ट इससे रिसाइकल करके बना बहुत कठिन वीडियो के बाद उन्होंने सोचा कि सनग्लासेस एक ऐसी चीज है जिसे हम बना सकते हैं
फिर उन्होंने यह प्लास्टिक विघटन के बाद उसे सनग्लासेस बना है वह उसकी क्वालिटी भी बेस्ट है और बिल क्वालिटी भी बेस्ट है अभी यह बिजनेस स्टार्टिंग पोजीशन में है।
उन्होंने खुद ने इसमें 1.8 कर जितने पैसे अपनी जेब से लगाकर यह कंपनी की स्टार्टिंग की है और यह वैसे देखा जाए तो एक बेस्ट कंपनी है क्योंकि प्लास्टिक से होने वाली परेशानियां से कोई छुटकारा पाना चाहता है इसलिए यह विदाउट कंपनी ने बेखुदी काम किया है
हरिया कंपनी का गोल है कि वह 2030 तक दिल्ली के 1 तन से लेकर कर सके और दिन प्रतिदिन जो प्लास्टिक का उपयोग होता हो रहा है वह कम से कम हो यह गोल इस कंपनी का है
इस कंपनी में शर्क टैंक के शार्क पीयूष ने पैसे लगाए हैं जो है 75 लाख का 3% इक्विटी मांगा था तो वह डील फाइनल हो गई है
और फाइंडिंग भी मिल गई है
आशा करता हूं कि आपको यह Case Study of without company सुनकर कुछ इनफॉरमेशन लगी होगी अगर आप ऐसे ही केस स्टडीज और इनफॉरमेशन कांटेक्ट देखना चाहते हो तो आप अभी सर्च करें akhabarnews.com
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